समाज | 5-मिनट में पढ़ें
बुर्का पहनना रहमान की बेटी की चॉइस है, लेकिन क्या ये प्रोग्रेसिव है?
खतीजा के फैसले से हर कोई सहमत है कि अगर लड़कियां छोटे कपड़े पहनने का अधिकार रखती हैं तो लड़कियों को नकाब में रहने का भी पूरा अधिकार है. लेकिन अधिकारों की लड़ाई का मतलब तो तभी है जब समाज आग्रसर हो. ऐसे अधिकार किस काम के जो समाज को पीछे ले जाएं.
सिनेमा | 3-मिनट में पढ़ें


